वित्र की नमाज़ का तरीक़ा, वक़्त, रकात, दुआ और नीयत

वित्र की नमाज़ दिन के आखिरी हिस्से में पढ़ी जाती है, और इसे हर मुसलमान ईशा की नमाज़ के बाद ज़रूर पढ़ता है। यह तीन रकात की नमाज़ होती है, लेकिन कई लोग वित्र की नमाज़ के सही तरीके को नहीं जानते हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि तीन रकात वित्र की नमाज़ का सही तरीका, नियत और समय क्या है, इसमें कौन-कौन सी दुआ पढ़ी जाती हैं, और क्या यह सुन्नत है या वाजिब?

अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं, तो आप सही जगह पर हैं। आज मैं आपको वित्र की नमाज़ के हर जानकारी को विस्तार से बताऊंगा, ताकि आप वित्र नमाज़ को सही तरीके से अदा कर सकें और अल्लाह की रहमत और बरकत हासिल कर सकें।

वित्र की नमाज़ को तहज्जुद की नमाज़ में भी पढ़ा जाता है, और इसका मकसद दिन के खत्म होने पर अल्लाह से जुड़ना और उसकी इबादत करना होता है।

Witr Ki Namaz Parhne Ka Tarika
Witr Ki Namaz Parhne Ka Tarika

वित्र की नमाज़ पढ़ने का सही समय क्या है?

वित्र की नमाज़ पढ़ने का सही समय ईशा की नमाज़ के बाद से लेकर फज़र की नमाज़ से पहले तक होता है। हालांकि, इसे रात के आखिरी हिस्से में पढ़ना सबसे अफ़ज़ल माना जाता है, खासकर ईशा और तहज्जुद की नमाज़ के बाद।

वित्र नमाज़ की नियत कैसे करें?

वित्र की नमाज़ की नीयत करने का तरीका:

नीयत का मतलब दिल के इरादे से होता है। नीयत करने के लिए सबसे पहले नीयत की दुआ पढ़ी जाती है

वित्र की नमाज़ पढ़ने से पहले नीयत इस तरह करें:

नियत करता हूँ मैं तीन रकाअत नमाज़ वित्र सुन्नत, वक़्त ईशा, वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर

इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ को नाभि के नीचे बांध लें।

वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका

वित्र की नमाज़ तीन रकात होती है और इसे खास अंदाज़ में पढ़ा जाता है। सबसे पहले नीयत की जाती है, फिर बाकी नमाज़ की तरह इसे अदा किया जाता है।

वित्र नमाज़ की पहली रकात

  1. नीयत करें:
  2. सना दुआ को पढ़ें:
  3. तआव्वुज़ और तस्मीया पढ़ें: (अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम .)
  4. सूरह फातिहा पढ़ें:
  5. क़ुरान मजीद की कोई एक सूरह पढ़े। ( चारो कुल या क़ुरान शरीफ की सूरह को भी पढ़ सकते हैं )
  6. रुकू करें: अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में चले जाये फिर 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये फिर खड़े रहते हुए ही रब्बना लकल हम्द कहे,
  7. अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये
  8. सज़दे की तस्बीह 3 या 5 बार पढ़े
  9. सजदे की दरमियान की दुआ को पढ़े (अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी)
  10. दोबारा सजदे में जाए
  11. अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाये
  12. अब आपकी एक रकअत नमाज़ हो गयी हैं

वित्र की नमाज़ की दूसरी रकात

  1. दूसरी रकात नमाज़ शुरू करने के लिए 3 से 10 स्टेप को फॉलो करें।
  2. पहले रकात की तरह पढ़ने के बाद इस बार सजदा पूरा करने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहना हैं।
  3. तशहुद पढ़े
  4. अत्तहिय्यत या तशहुद पढ़ने के बाद फिर से खड़े हो जाये
  5. अब आप की दो रकात नमाज़ ए सुन्नत पुरी हो गयी है

वित्र नमाज़ की तीसरी रकात

  1. अब तीसरी रकात में आपको सूरह फातिहा पढ़े
  2. कोई एक सूरह पढ़ें: (जैसे सूरह इखलास, सूरह फलक, सूरह नास या कोई और सूरह)
  3. सूरह पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए दोनों हाथो को कानो तक उठाकर कमर पर बांध लेना है।
  4. दुआ क़ुनूत को पढ़े.
  5. दुआ क़ुनूत को पढ़ने के बाद अब रुकू करें, सजदा करें
  6. पहले रकात की तरह पढ़ने के बाद इस बार सजदा पूरा करने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहना हैं।
  7. तशहुद पढ़े
  8. दरूद शरीफ पढ़े
  9. दुआ ए मासुरा को पढ़े
  10. दाए तरह मुंडी घूमते हुए बोले अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह
  11. बाए तरफ मुंडी फेरते हुए कहे अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह
  12. अब आपकी वित्र की नमाज़ पुरी हो गयी है

वित्र में कितनी रकात होती है?

वित्र की नमाज़ में तीन रकात नमाज़ होती है, जिसे एक साथ पढ़ा जाता है। हर रकात में सूरह फातिहा और कुरआन शरीफ की कोई भी सूरह ज़रूर पढ़ी जाती है।

वित्र की नमाज़ सुन्नत है या वाजिब?

वित्र एक सुन्नत नमाज़ है जो ईशा की नमाज़ के बादपढ़ी जाती है। कई हदीसों में यह बताया गया है कि यह *वाजिब (अनिवार्य) नहीं है, लेकिन इसे पढ़ना बहुत सवाब का काम है।

हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने भी वित्र की नमाज़ पढ़ने को कहा है। इसलिए, यह नमाज़ अल्लाह की इबादत और रहमत पाने का एक बेहतरीन ज़रिया है, जिसे हर मुसलमान को इसे पढ़ना चाहिए।

वित्र की नमाज में क्या-क्या पढ़ा जाता है?

वित्र की नमाज़ में निम्नलिखित चीज़ें पढ़ी जाती हैं:

  • सूरह फातिहा – हर रकात में पढ़ी जाती है।
  • सूरह फातिहा के बाद कोई भी सूरह – जैसे सूरह इखलास, सूरह फलक, सूरह नास।
  • तीसरी रकात में रुकू से पहले “दुआ-ए-कुनूत” – इसे पढ़ना सुन्नत है और यह वित्र की नमाज़ का एक अहम हिस्सा है।

वित्र नमाज़ में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

वित्र की नमाज़ में तीसरी रकात में रुकू से पहले “दुआ-ए-कुनूत” पढ़ी जाती है, जो इस तरह है:

अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनुका वनसतग़ फिरूका व नु’अ मिनु बिका व न तवक्कलु अलैका व नुस्नी अलैकल खैर व नश कुरुका वला नकफुरुका व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूका @ अल्लाहुम्मा इय्याका नअबुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु वआलैका नस्आ व नह-फिदु व नरजू रहमतका व नख्शा अज़ाबका इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारिल मुलहिक़ ©

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