हम सबको मालूम ही है की पांच वक़्त की नमाज़ हर मुस्लमान मर्द हो या औरत पर फ़र्ज़ (ज़रूरी) है। चाहे आप जिस भी हाल में हों नमाज़ का छोड़ना जाएज़ नहीं है।
इसलिए आज हमारी टीम आपको नमाज़ पढ़ने के तरीके और नमाज़ में पढ़े जाने वाली दुआ के बारे में बताएगी जिसे पढ़कर इंशाअल्लाह आप नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है जान जायेंगे।
वैसे नमाज़ तो कई प्रकार की होती है, जैसे तहज्जुद की नमाज़, ईद की नमाज़, ज़नाज़े की नमाज़ और भी कई नमाज़ है, लेकिन मुसलमानो के लिए फ़र्ज़ नमाज़ है।

नमाज़ पढ़ने का सही तरीका
1. नमाज़ के लिए वज़ू करना
नमाज़ को पढ़ने के लिए वजू करना ज़रूरी है। अगर आप सही से गुस्ल करके आ रहे हैं तो सिर्फ दोनों हाथ को कलाई तक धोकर फिर तीन बार कुल्ली कर लेंगे तो आपका वजू हो जायेगा । ग़ुस्ल करने का सही तरीका ।
सही से वजू करने के लिए यह करें
- दोनो हाथ की कलाइयों को तीन बार अच्छे से धोना पहले दाहनी कलाई को धुएं।
- तीन बार मुंह भर कर कुल्ली करना।
- तीन बार नाक में पानी डालना।
- तीन बार मुंह को दोनों कानों के तलो तक धोना।
- दोनो हाथों को तीन बार कहनी तक धोना।
- सर मसाह करना।
- दोनों पैर को एड़ी तक धोना।
- ध्यान रहे वजू के बीच यह पढ़े।
2. नमाज़ की नीयत और दुआ पढ़ना
इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन
नमाज़ की नीयत करने का तरीक़ा
नीयत दिल से इरादे से कहने को कहते हैं । हर नमाज़ की नीयत करना ज़रूरी। हर नमाज़ की नीयत करने का तरीक़ा लगभग एक ही जैसा होता है। बस आप जिस वक्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं उस नमाज़ का नाम लेना, सुन्नत पढ़ रहे हैं या फिर फर्ज उसकी नीयत करना।
नमाज़ की नीयत का उदाहरण
अगर आप ज़ुहर की फ़र्ज़ नमाज़ की नीयत करेंगे तो ऐसे करेंगे। नीयत करता हु मैं 4 रकअत नमाज़ ए फ़र्ज़ वक़्त ज़ुहर, रुख मेरा काबा शरीफ (क़िब्ला) की तरफ, पीछे इस इमाम के, वास्ते अल्लाह टाला के , अब अल्लाहु अकबर कहकर दोनों हाथ को कानो तक उठाकर बांध लेंगे।
Note -: जिस शब्द को हमने लाल कलर में किया है बस आप उसी शब्द को बदलकर जिस वक़्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं उसको कहना है।
4. सना दुआ पढ़े
सुब्हान-कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबा-रा-कस्मुका व तआला जद्दु-का वलाइलाहा ग़ैरुक। यहाँ पर क्लिक करके आप सना दुआ के बारे में जान सकते हैं।
5. तअव्वुज, तस्मियाह पढ़े
1. अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम .
6. सूरह फातिहा पढ़े
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन @ अर रहमा-निर-रहीम @ मालिकि यौमिद्दीन @ इय्याका न अबुदु व इय्याका नस्तईन @ इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम @ सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम @ गैरिल मग़दूबी अलय हिम् वलज़्ज़ाल्लीन (आमीन)। इस लिंक पर क्लिक करके सूरह फातिहा हिंदी में पढ़ सकते हैं।
7. क़ुरान शरीफ की सूरह पढ़े
आप चाहे तो क़ुरान शरीफ की कोई सूरह, चारो कुल या फिर नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सूरत पढ़ सकते हैं।
8. रुकू में झुक जाये
अल्लाहु अकबर (तकबीर) कहकर रुकू में झुक जाये। उसके बाद तीन या 5 मर्तबा सुबहान रब्बीअल अज़ीम कहें। उसके बाद समीअल्लाहु लिमन हामिदा कहते हुवे रुकू में से खड़े हो जाये। खड़े होने के बाद एक बार रब्बना लकल हम्द कहें।
9. सज़दा करें
अल्लाहु अकबर (तकबीर) कहते हुए सज़दे में चले जाये। सज़दे में रहते हुए तीन या पांच मर्तबा सुबहान रब्बीअल आअला कहें।
10. सज़दे के दरमियान (बीच)
उसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे में से बैठ जाये। उसके बाद सज़दे के दरमियान की दुआ पढ़ें, अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे में चले जाये। सज़दे में रहते हुए सुबहान रब्बीअल आअला कहें , फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे से खड़े हो जाये।
अब आप की एक रकअत नामा पूरी हो गयी दूसरी रकअत में में खड़े होने के बाद 5 से 9 स्टेप को फिर से फॉलो करें। उसके बाद सज़दा पूरा करने के बाद बैठ जाये।
11. अत्तहिय्यात पढ़ें
अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैका अय्युहन-नबिय्यु व रहमतुल्लाहि व ब-रकातुहू @ अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्ला हिस्सालिहीन अशहदु अल्ला इला-हा इल्लल्लाहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू।
जब आप अशहदु अल्ला इला-हा पर पहुंचे तो अपने दाहिने हाथ की शहादत वाली ऊँगली को उठादे और जब इल्लल्लाहु पढ़े तब नीचे करले। अत्तहिय्यात हिंदी में पढ़ने के लिए क्लिक करें।
12. दरुदे इब्राहीम (शरीफ) को पढ़े
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव वअला आलि मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहि-म इन्न-क हमीदुम्मजीद । अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिंव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिमा व अला आलि इब्राहि-म इन्नका हमीदुम्मजीद। दरूद शरीफ हिंदी में।
13. दुआ ए मसुरा पढ़े
अल्ला हुम्मा इन्नी ज़लम्तु नफ़्सी ज़ुलमन कसीरंव वला यग़्फिरुज़-जुनूब इल्ला अन-त फ़गफ़िरली मग़-फिरतन मिन इनदिका वर-हमनी इन्नका अन्तल गफ़ुरुर्रहीम।
दुआ ए मासुरा को पढ़ने के बाद पहले दाहिनी तरफ मुँह फेरते हुए अस्सलामु अलैकुम वरह मतुल्लाह फिर बाए तरफ मुँह फेरते हुए यही पढ़े।
अब आप की दो रकअत नमाज़ पूरी हो गयी है इसके बाद आयतल कुर्सी पढ़ें फिर दुआ मांगे या तस्बीह पढ़े 100 मर्तबा -:
- सुबहानअल्लाह 33
- अल्हम्दुलिल्लाह 33
- अल्लाहु अकबर 34 मर्तबा पढ़े।
अगर आपको इस पोस्ट में नमाज़ के तरीके में कोई गलती दिखे तो आप मेहरबानी करके नीचे कमेंट करके या फिर हमे इ-मेल करके हमारी गलती को ज़रूर बतायेगा ताकि हम उस गलती को सुधर सके और लोग नमाज़ को अच्छे से पढ़ने के तरीके को जान सके।
5 फ़र्ज़ नमाज़ के नाम हिंदी में
फ़र्ज़ नमाज़ पांच तरह की होती हैं जो दिन के कई हिस्से में पढ़ी जाती हैं। आप लिंक पर क्लिक करके किसी भी नमाज़ के पढ़ने के तरीके के बारे में आसानी से जान सकते हैं।
- फज़र की नमाज़ (सुबह 5 बजे पढ़े जाने वाली नमाज़ )
- ज़ुहर की नमाज़ (दोपहर 1 बजे पढ़ी जाने वाली नमाज़)
- असर की नमाज़ (शाम को 5 बजे पढ़े जाने वाली नमाज़)
- मगरिब की नमाज़ (रात को 6 बजे पढ़े जाने वाली नमाज़ )
- ईशा की नमाज़ (रात को 8 बजे पढ़ी जाने वाली नमाज़ )
नमाज़ के फराएज
नमाज़ के 13 फरायेज़ (फर्ज) होते हैं। फरायेज मतलब की आपको इन कामों को ध्यान से ज़रूर से करना होगा नहीं तो आपकी नमाज़ नहीं होगी ।
- शरीर(बदन) का पाक होना।
- बदन के कपड़ों को पाक होना।
- जिस जगह नमाज़ पढ़ने जा रहे हो उस जगह का पाक होना।
- जिस नमाज़ को पढ़ने जा रहे हैं उस नमाज़ का सही समय होना।
- बदन के हिस्सो को कपड़े से ढके रखना ।
- Qibla (पश्चिम) की तरफ़ मुंह करके खड़े होना।
- नमाज़ की नीयत करना।
- तकबीर तहरीमा (अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांधना)
- क़याम (खड़ा होना)
- क़िरात (क़ुरान पाक की सूरत पढ़ना)
- रुकू करना
- 2 सज़दा करना
- तशहुद पढ़ना
नमाज़ पढ़ने के फायदे
नमाज़ के ज़रिये ( मध्ध्यम) से हम अल्लाह पाक के और क़रीब आ सकते हैं, नमाज़ के ही मध्ध्यम से हम अल्लाह से एक अच्छी ज़िन्दगी और एक अच्छी सेहत मांग सकते हैं, नमाज़ हमें सीधे रस्ते पर ले जाती है और बुरे रस्ते पर जाने से रोकती है। नमाज़ की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत दुनिया में भी है और मरने के बाद भी है।
मुझे उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल के पढ़ने के बाद नमाज़ पढ़ने का तरीका मालूम हो चूका होगा। अगर आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
Attahiyat padhne ke baad dahine haath ki pehli ungli uthaani hoti hai yehh bhi mention kre (aur kiyu uthaate hain yeh bhi mention krde)🤲🤲😊
Acha
namaz parhne ka tarika
अतहिया पढ़ने के बाद जो दाहिनी हाथ की सहादत के लिए ऊंगली उठाया गया है आपने नही बताए
shukriya bhai aapka
maine apni glti ab shi krdi hai
Bhai bataya to hai bhai ne
वलज्जाल्लीन
गलत है फर्क है
वलद्द्वाल्लीन
होता है
nhi bhai वलज्जाल्लीन hi padha jata hai
Tashahud usi ko kehte hain …Jab attahiyat padhi jati hai us halat me beth kar padhna aur ungli utha kar shahdah karna ….
Aur yaha par ye jo walazzalleen / walladdalleen par Gyan Dene aur tippani karne se acha hai is baat ko smjho ke sahi talaffuz apne maulana sahab se puch lo aur jo arbi me likha jata hai wo Hindi me to differ karega hi…
Zada tanakashi na kiya karein balki baat ko samjhein aur sahi eilm hasil karein khud QURAN aur hadees se.(I hope I am talking to literate audience here)
Jazakallah.
Thanks and regards.
Rushaid
Allah pak ham log ko shi se likhhne aur smjhne ki taufeeq de
Duwae mashura m ek galati likha huwa hai or ye h ki
Magfiratam ke jagah pr magfiratanv hoga
Shukriya bhai
Maine ab shi krdiya hai
मग़फ़िरतन krdia hai
Bhai magfiratam hi hoga arbi padhen ۔tan۔ mim ۔se jakar milega to tam hoga
Agar kuchh sudharna hi he to ( wa la yaghfiruzzunuba) ki bajay (wa innahu la yaghfiruzzunuba) karen
Allah taala ham sabko sirat e mustaqeem par chalne ki taufiq ata kare
(Aameen ya rabbal aalameen)