ईशा की नमाज़ में टोटल 17 रकात नमाज़ होती है, इस नमाज़ में पांचो नमाज़ से ज़्यादा रकअत होती है। यह नमाज़ दिन की सबसे आखिरी नमाज़ होती है।
इंशाअल्लाह इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका मालूम हो जायेगा। ईशा की नमाज़ पढ़ने से पहले आप हर नमाज़ में पढ़ी जाने दुआ को याद कर सकते हैं, इससे आपको नमाज़ पढ़ने में आसानी होगी।

ईशा की नमाज़ में रकात | Isha Ki Namaz ki Rakat
ईशा की नमाज़ में कुल 17 रकात नमाज़ होती है जो की हर नमाज़ से ज़्यादा है।
- 4 रकात नमाज़ सुन्नत
- 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत नमाज़
- 2 रकात नफिल नमाज़
- 3 रकात नमाज़ वितिर वाजिब
- 2 रकअत नमाज़ नफिल
ईशा की 4 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
सबसे पहले हम 4 रकअत नमाज़ सुन्नत को पढ़ते हैं हर नमाज़ की सुन्नत को पढ़ने का एक ही तरीक़ा है।
ईशा की 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़ पढ़ने का तरीका
ईशा फ़र्ज़ की नमाज़ को हम इमाम के पीछे पढ़ते हैं ईशा की नमाज़ में हम 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़ पढ़ते हैं।
- नमाज़ की नियत और नियत की दुआ को पढ़ेंगे (इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन)
- अल्लाहु अकबर कहकर हाथो को कानो तक उठाकर बांध लेंगे
- सना पढ़ेंगे
- तस्मिया और ताउज को पढ़ेंगे (अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम )
- सूरह फातिहा पढ़ेंगे (अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन @ अर रहमा-निर-रहीम @ मालिकि यौमिद्दीन @ इय्याका न अबुदु व इय्याका नस्तईन @ इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम @ सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम @ गैरिल मग़दूबी अलय हिम् वलज़्ज़ाल्लीन (आमीन))
- कोई नमाज़ में पढ़े जाने वाली सूरह को पढ़ेंगे।
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में चले जायेंगे
- रुकू में तीन या पांच मर्तबा रुकू की दुआ पढ़ेंगे (सुबहान रब्बीअल अज़ीम)
- समीअल्लाहु लिमन हमिदा कहकर खड़े हो जायेंगे और फिर रब्बना लकल हम्द कहेंगे
- अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे में चले जायेंगे
- सज़दे की दुआ (सुबहान रब्बीअल आअला) और सज़दे के दरमियान की दुआ को पढ़ेंगे (अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी)
- अल्लाहु अकबर कहकर सज़दे से खड़े हो जायेंगे
- इस तरह आपकी एक रकात ईशा की नमाज़ पूरी हो गयी है, इसी तरह दूसरी रकात में भी पढ़ना है लेकिन सज़दे के बाद अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जायेंगे
- अत्ताहियात दुआ को पढ़ेंगे
- फिर अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे।
- तीसरी और चौथी रकात में सिर्फ सूरह फातिहा को पढ़कर रुकू में चले जायेंगे फिर पहली रकात की तरह नमाज़ पढ़ेंगे
- चौथी रकात में सज़दा करने के बाद बैठ जायेंगे
- अत्तहिय्यत पढ़ेंगे
- दुरूद शरीफ पढ़ेंगे
- दुआ मासुरा को पढ़ेंगे
- सलाम को फेरेंगे
- इस तरह से आपकी ईशा की चार रकात नमाज़ पूरी हो जाएगी।
ईशा की 2 रकअत नमाज़ सुन्नत पढ़ने का तरीका
ईशा की चार रकअत नमाज़ फ़र्ज़ को पढ़ने के बाद हम 2 रकात नमाज़ सुन्नत पढ़ते हैं।
ईशा की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल पढ़ने का तरीका
नफिल की नमाज़ भी सुन्नत की ही नमाज़ की तरह पढ़ते हैं बस नीयत में हम सुन्नत की जगह नफ़्ल नमाज़ का नाम लेते हैं।
- फज़र की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ज़ोहर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- असर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका
3 रकअत नमाज़ वित्र वाजिब
वित्र की नमाज़ की नीयत
- सबसे पहले आप नमाज़ की नीयत की दुआ को पढ़ेंगे।
- नीयत करता हु मैं 3 रकअत नमाज़ वित्र वाज़िब, वक़्त रात का, मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ वास्ते अल्लाह ताला के अल्लाहु अकबर। अल्लाहु अकबर कहते हुए दोनों हाथ को कानो तक लेजाकर कमर पर बांध लेना है।
वित्र की नमाज़ का तरीका
- वित्र की नमाज़ में तीन में रकत होती है।
- दो रकअत नमाज़ हम बाकि नमाज़ की ही तरह पढ़ते हैं तीसरी रकअत में सबसे पहले सूरह फातिहा को पढ़ते हैं फिर क़ुरान शरीफ की कोई सूरह पढ़ते हैं।
- सूरह को पढ़ने के बाद हम अल्लाहु अकबर कहते हुए दोनों हाथो को कान तक उठाते हुए कमर पर बांध लेते हैं।
- इसके बाद हम दुआ ए क़ुनूत को पढ़ते हैं ,फिर हम बाकि नमाज़ की ही तरह इस नमाज़ को भी पूरा करते हैं।
ईशा की नमाज पढ़ने का वक़्त
ईशा की नमाज़ की टाइम रात 8 बजे से शुरू होती है ठंडी में ईशा की नमाज़ का वक़्त सात बजे से ही शुरू हो जाता है।
ईशा की नमाज की नीयत
- नीयत करने की दुआ को पढ़ेंगे : इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन
- फिर कहेंगे की नीयत करता हु मैं 4 रकअत नमाज़ सुन्नत वक़्त ईशा, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, वास्ते अल्लाह ताला के अल्लाहु अकबर. अब आपकी नमाज़ की नीयत हो गयी हैं। ऐसे ही 4 रकअत फ़र्ज़ नमाज़ और वित्र नमाज़ की भी नीयत को करेंगे, बस आप सुन्नत की जगह फ़र्ज़ या वित्र नमाज़ का नाम लेंगे।
ईशा की नमाज़ में कितनी रकत होती है ?
ईशा की नमाज़ में पूरी 17 रकत होती है, जिसमे से 4 सुन्नत नमाज़, 4 फ़र्ज़ नमाज़, 2 सुन्नत नमाज़, 2 नफिल नमाज़, 3 वित्र, 2 नफ़्ल नमाज़ है।