ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका, नीयत, रकातें और तकबीरें जानें
ईद की नमाज़, फ़र्ज़ नमाज़ से अलग होती है और इसे सही तरीके से पढ़ना बेहद ज़रूरी है। जैसे-जैसे रमज़ान […]
ईद की नमाज़, फ़र्ज़ नमाज़ से अलग होती है और इसे सही तरीके से पढ़ना बेहद ज़रूरी है। जैसे-जैसे रमज़ान […]
क्या आपने कभी सोचा है कि एक रात में आपकी तक़दीर बदल सकती है? शब-ए-क़द्र या लैलतुल क़द्र इस्लाम में
एतिकाफ एक खास इबादत है, जिसे मुस्लमान रमज़ान के आखिरी दस दिनों में करता है। यह हमारे प्यारे नबी हज़रत
वित्र की नमाज़ दिन के आखिरी हिस्से में पढ़ी जाती है, और इसे हर मुसलमान ईशा की नमाज़ के बाद
रमज़ान का तीसरा और आखिरी अशरा नजात अशरा होता है। इस दौरान हमें अल्लाह पाक से जहन्नुम की आग से
रमज़ान के दूसरे अशरे को मग़फ़िरत का अशरा कहा जाता है, जो अल्लाह पाक से माफ़ी और रहमत मांगने के
रमज़ान का महीना रहमत, मग़फ़िरत और जहन्नम की आग से नजात का अवसर होता है। इसमें तीन अशरे होते हैं,
तहज्जुद की नमाज़ एक नफ़्ल नमाज़ है, जो रात के आखिरी पहर में अदा की जाती है। इसे पढ़ने के
तरावीह की नमाज़ रमजान के महीने में पढ़ी जाने वाली एक सुन्नत-ए-मुअक्कदा नमाज़ है। यह ईशा की नमाज़ के बाद
इस आर्टिकल में मैंने “दुआ-ए-कुनूत” का हिंदी, अंग्रेजी, और अरबी में अनुवाद सहित लिखा है। दुआ ए कुनूत को वित्र
रामज़ान का महीना इबादत, सब्र और भलाई का महीना होता है। सूरज डूबने के बाद मगरीब की अज़ान के समय
सेहरी रमज़ान में रोज़ा शुरू करने से पहले मुस्लिमों द्वारा खाया जाने वाला खाना है। सेहरी को फज़र की नमाज़
क्या आप अपने गुनाहों को माफ़ कराना चाहते हैं, चाहे वे जानबूझकर किए गए हों या अनजाने में? या फिर
चारो कुल उन सूरह को को कहते हैं जिनकी शुरू क़ुल से होती है। चारो कुल को कसरत से पढ़ने
अगर आप भी चाहते हैं की अल्लाह पाक आपको हलाल रिज़्क अता फरमाये, और आपके रिज़्क़, करोबार, दुकान में बरकत