असर की नमाज़ दिन की तीसरी नमाज़ होती है। इस नमाज़ का वक़्त भारत में लगभग 4 से लेकर 5 बजे तक होता है।
आज हम आपको असर की नमाज़ पढ़ने के तरीका के बारे में बताएंगे। साथी ही असर की नमाज़ में कितनी रकात होती है, कितने बजे इसका वक़्त है, असर की नमाज़ की नीयत कैसे करते है सब नीचे लिखा हुआ है।

असर की नमाज़ का तरीका
अब हम आपको असर की नमाज़ पढ़ने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। इस को पढ़ने के बाद आपको अच्छी तरह असर की नमाज़ पढ़ने आ आजायेगा।
असर की 4 रकअत नमाज़ फ़र्ज़ पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले वज़ू करेंगे, वज़ू करने का सही तरीका जान्ने के लिए इसे पढ़े।
- नमाज़ की नियत और नियत की दुआ को पढ़ेंगे (इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन)
- अल्लाहु अकबर कहकर हाथो को कानो तक उठाकर बांध लेंगे
- सना पढ़ेंगे
- तस्मिया और ताउज को पढ़ेंगे (अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम )
- सूरह फातिहा पढ़ेंगे (अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन @ अर रहमा-निर-रहीम @ मालिकि यौमिद्दीन @ इय्याका न अबुदु व इय्याका नस्तईन @ इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम @ सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम @ गैरिल मग़दूबी अलय हिम् वलज़्ज़ाल्लीन (आमीन))
- कोई नमाज़ में पढ़े जाने वाली सूरह को पढ़ेंगे।
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में चले जायेंगे
- रुकू में तीन या पांच मर्तबा रुकू की दुआ पढ़ेंगे (सुबहान रब्बीअल अज़ीम)
- समीअल्लाहु लिमन हमिदा कहकर खड़े हो जायेंगे और फिर रब्बना लकल हम्द कहेंगे
- अल्लाहु अकबर कहते हुए सज़दे में चले जायेंगे
- सज़दे की दुआ (सुबहान रब्बीअल आअला) और सज़दे के दरमियान की दुआ को पढ़ेंगे (अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी)
- अल्लाहु अकबर कहकर सज़दे से खड़े हो जायेंगे
- इस तरह आपको एक रकात असर की नमाज़ पूरी हो गयी है इसी तरह दूसरी रकात में भी पढ़ना है लेकिन सज़दे के बाद अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जायेंगे
- अत्ताहियात दुआ को पढ़ेंगे
- फिर अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे।
- तीसरी और चौथी रकात में सिर्फ सूरह फातिहा को पढ़कर रुकू में चले जायेंगे फिर पहली रकात की तरह नमाज़ पढ़ेंगे
- चौथी रकात में सज़दा करने के बाद बैठ जायेंगे
- अत्तहिय्यत पढ़ेंगे
- दुरूद शरीफ पढ़ेंगे
- दुआ मासुरा को पढ़ेंगे
- सलाम को फेरेंगे
- इस तरह से आपकी चार रकात असर की नमाज़ पूरी हो गयी है।
असर की 4 रकात नमाज़ सुन्नत पढ़ने का तरीका
सबसे पहले 4 रकात नमाज़ सुन्नत को पढ़ते हैं हर नमाज़ की सुन्नत को पढ़ने का एक ही तरीक़ा है।
- फज़र की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ज़ोहर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- असर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका
असर की नमाज पढ़ने का वक़्त
असर की नमाज़ का वक़्त शाम को 4 बजे इ हर होता है। गर्मी के मौसम में इसका वक़्त बढ़कर 5 बजे तक चला जाता है।
असर की नमाज़ की नियत कैसे करते हैं?
असर की नमाज़ की नियत करते वक़्त सबसे पहले आप नियत की दुआ को पढ़ते हैं जो की है नियत की दुआ को पढ़ने के बाद आप अपनी भाषा में कहेंगे की नियत करता हु मैं ४ रकअत नमाज़ फ़र्ज़ वक़्त असर, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, पीछे इस इमाम के(अगर इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तो तब कहना है नहीं तो नहीं), अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांध को कानो की लू तक उठाकर बाँध लेंगे।
असर में कितनी रकात होती है?
असर में आठ रकअत नमाज़ होती है।
- 4 सुन्नत रकात नमाज़
- 4 फ़र्ज़ रकात नमाज़
हमें उम्मीद है की अब आपको असर की नमाज़ पढ़ने का तरीका, नियत, रकात और वक़्त के बारे में पता चल गया होगा है।
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