2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका

आज हम आपको 2 रकात सुन्नत नमाज़ को पढ़ने के तरीके के बारे में बताएंगे। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद इंशाअल्लाह आप हर नमाज़ की दो रकात सुन्नत को अच्छे से पढ़ पाएंगे।

अगर आपको इस पोस्ट में कोई गलती दिखे तो हमे ज़रूर नीचे लिखकर बताएगा।

एक मुस्लमान 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ रहा है।
एक मुस्लमान 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ रहा है।

2 रकात नमाज़ सुन्नत पढ़ने का तरीक़ा

पहली रकात नमाज़ ए सुन्नत

  1. सबसे पहले आप सुन्नत नमाज़ की नीयत करेंगे
  2. सना दुआ को पढ़ेंगे (सुबहानाकल्ला हुम्मा)
  3. तस्मिया पढ़ेंगे (अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम .)
  4. सूरह फातिहा को पढ़ेंगे
  5. क़ुरान मजीद की कोई एक सूरह पढ़े। ( चारो कुल या क़ुरान शरीफ की सबसे छोटी सूरह को भी पढ़ सकते हैं )
  6. अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में चले जाये फिर 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये फिर खड़े रहते हुए ही रब्बना लकल हम्द कहे,
  7. अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये
  8. सज़दे की तस्बीह 3 या 5 बार पढ़े
  9. सजदे की दरमियान की दुआ को पढ़े (अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी)
  10. दोबारा सजदे में जाए
  11. अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाये
  12. अब आपकी एक रकात नमाज़ हो गयी हैं

दूसरी रकात नमाज़ सुन्नत

  1. अब दूसरी रकात में आपको सूरह फातिहा से शुरू करना और यही तरीका सज़दा करते वक़्त तक फॉलो करना हैं।
  2. पहले रकअत की तरह पढ़ने के बाद इस बार सजदा पूरा करने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहना हैं।
  3. इसके बाद तशहुद पढ़ेंगे और अशहदु पर शहादत की ऊँगली को उठाकर रखदेना है।
  4. फिर दरूद शरीफ पढ़े।
  5. दुआ ए मासुरा को पढ़े।
  6. दुआ मासुरा को पढ़ने के बाद दाए तरह मुंडी घुमाते हुए बोले अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह फिर बाए तरफ मुंडी फेरते हुए कहे अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह

अब आपकी दो सुन्नत नमाज़ पूरी हो गयी हैं। सुन्नत नमाज़ पढ़ने के बाद आप अल्लाह के नाम की तस्बीह या फिर क़ुरान पाक की छोटी सूरत भी पढ़ सकते हैं।।

2 रकात सुन्नत नमाज़ की नीयत करने का तरीका

2 रकात सुन्नत नमाज़ हो या 4 रकात सुन्नत नमाज़ हर सुन्नत नमाज़ की नीयत को इसी तरह करते हैं बस जिस वक़्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं उसे कहना हैं।

हमने आपकी आसानी के लिए उस शब्द को लाल कलर का कर दिया है जिसे आपको हर नमाज़ में बदलना पड़ेगा बाकी सब कुछ ऐसे ही होगा।

जैसे -: 2 रकात की जगह 4 रकात, ज़ोहर की नमाज़ की जगह आप जिस भी वक़्त की नमाज़ पढ़ रहे हैं उस नमाज़ का नाम लेना हैं।

  1. सबसे पहले आप नमाज़ की नीयत करने की दुआ को पढ़ेंगे।
  2. फिर कहेंगे की नीयत करता हु मैं 2 रकात नमाज़ सुन्नत वक़्त ज़ोहर, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, पीछे इस इमाम के, वास्ते अल्लाह ताला के अल्लाहु अकबर कहते हुए दोनों हाथ को कान के तालु तक उठाकर बाँध लें। अब आपकी नमाज़ की नीयत हो गयी हैं।

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